जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय, उत्तराखंड
कंडी खाल, पो0 आ0 कैम्पटी वाया मसूरी, टिहरी गढवाल, उत्तराखंड–248179 09718479517, 9927145123
निमंत्रण
10 जून, 2017 शनिवार समय- 11 बजे से 3.30 तक
स्थान- जैन धर्मशाला, निकट प्रिंस चौक, देहरादून, उत्तराखंड
प्रिय साथी , जिंदाबाद!!
बांध परियोजनाओं को उत्तराखंड में विकास के लिये प्रचारित किया गया है। पर्यावरण से जुड़े कार्यकर्ताओं के लिए, जनहित में काम करने वाले लोगों और संगठनों के लिए भी बाँध, उत्तराखंड में एक बहुत बड़ा मुद्दा हमेशा से रहा है। बांध से जुड़े मुद्दों पर और बड़े बांधो का विकल्प क्या है? और बांध नहीं हो, इसके भी हमारे पास क्या तर्क है? ये बड़े बांध क्यों है? इसकी क्या उपयोगिता है? इस पर विमल भाई के द्वारा संकलित एवं सम्पादित पुस्तिका ‘मुक्त बहने दो’ तार्किक जवाब देती है। इसमें बांधों का सही लेखा-जोखा दिया है साथ ही बिजली की आवश्यता का भ्रम व विकल्पों पर चर्चा है।
प्रथम सत्र : समय- 11 बजे से 12 बजे
‘मुक्त बहने दो’ पुस्तक विमोचन लेखक एवं संपादक विमल भाईविमोचन द्वारा – श्री रवि चोपड़ा(पर्यावरणविद्, वैज्ञानिक एवं सर्वाेच्च न्यायालय के आदेश पर बनी जून, 2013 में बांधों के असरो पर विषेशज्ञ समिति के अध्यक्ष)‘मुक्त बहने दो’ पुस्तिका और बांधों पर चर्चा
श्री विमलभाई, श्री रवि चोपड़ा
12.00 बजे चाय-पान
द्वितीय सत्र : समय- 12.30 बजे से 3.30 बजे
चर्चा : उत्तराखंड में भूमि का सवाल
उत्तराखंड में विकास परियोजनाओं से जो विस्थापन हो रहा है उन सब पर भी हमारी नजर रही है हम सब लोग उत्तराखंड में बाँध या फिर दलितों के जमीन पर अधिकार या जंगल में क्या हो रहा है, बड़ी परियोजनाओं से विस्थापन, लोगों का जंगल पर अधिकार व भूमि चकबंदी जैसे तमाम मुद्दों पर काम करते हैं।
आज जब उत्तराखंड में स्मार्ट सिटी, देहरादून में मेट्रो रेल, चारों धामों के लिये आल वेदर रोड, बद्रीनाथजी तक रेल ले जाने की बात सामने आ रही है इन सबमें बड़े विस्थापन एवं पर्यावरण की भयानक क्षति सामने दिखाती हैं जो कितना पैसा विकास का कहा खर्च होना, ये तमाम मुद्दे है जिनमे हमें आप जैसे साथियों कि आपस में बैठ कर एक चर्चा जरूर करनी पड़ेगीं हमें जानना होगा की आजकल की परिस्थितियां क्या है? फिर इन परिस्थितियों में क्या किया जाए? इसके लिए हमने साधारण रूप में मगर एक महत्वपूर्ण मंथन बैठक 10 जून 2017 को जैन धर्मशाला, देहरादून में आयोजित कर रहे है। जिसमें विभिन्न विषयों पर पहले वक्ता अपनी बात रखेंगे {प्रत्येक वक्ता को विषय रखने के लिये 10 मिनट है} फिर हम उस पर आगे की सांझी रणनीति पर चर्चा करेंगे।
12.30 दोपहर स्वागत-जबर सिंह वर्मा
बैठक की अवधारणा-तरुण जोशी
अध्यक्षता : रवि चोपड़ा
विषय और वक्ता
1 स्मार्ट सिटी व अन्य शहरी विकास नियोजन — अनूप नौटियाल
2 सार्वजनिक भूमि का निजीकरण — पी0 सी0 तिवारी
3 जमीन का सवाल और दलित — जबर सिंह वर्मा
4 वन अधिकार, भूमि और लोग — तरुण जोशी
5 खेती, जैव विविधता और जमीन — बीजू नेगी
6 बड़े बाँध और जमीन — विमल भाई
7 जून, 2013 की आपदा व जमीन — देवेन्द्र बहुगुणा
* जमीन से जुड़े चकबंदी आदि अन्य विषयों पर भी हम विशेषज्ञों को बुला रहे है।
खुला सत्र व भविष्य की साझी रणनीति
3.30 धन्यवाद ज्ञापन– पूरण सिंह राणा
आपकी सादर उपस्थिति प्रार्थनीय है।
जबर सिंह वर्मा देवेन्द्र बहुगुणा पूरण सिंह राणा विमलभाई